जनता कर्फ्यू’ मतलब पूरा शहर हो जाएगा सैनिटाइज

 


जनता कर्फ्यू’ मतलब पूरा शहर हो जाएगा सैनिटाइज


नोएडा। रविवार को 14 घंटे का जनता कर्फ्यू है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को किसी दूसरे के संपर्क में आकर संक्रमित होने से रोकना है। डॉक्टर भी कोरोना को मात देने के लिए इसेे कुछ हद तक कारगर तरीका बता रहे हैं। उनका कहना है कि अभी तक पता चला है कि यह वायरस किसी भी धातु पर 12 घंटे तक ही जीवित रहता है। ऐसे में जनता कर्फ्यू के बाद यह वायरस खुद ही मर जाएगा। किसी भी धातु को सैनिटाइज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कुछ धातुओं पर यह वायरस 72 घंटे तक रहा सकता है। हालांकि उनका भी मानना है कि जनता कर्फ्यू से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुबह 7 से लेकर रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू की अपील की है। इस पर डॉ. ज्ञान भारती का कहना है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का यह बेहतर तरीका हो सकता है। लोग एक दूसरे से मिलेंगे नहीं तो संक्रमण का खतरा भी कम होगा। कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या बोलता है तो उसके मुंह से निकलने वाले छींटे आसपास की सतहों पर चिपक जाते हैं। ऐसी संक्रमित सतह को छूने के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने मुंह या नाक को छूता है तो उस स्थिति में वायरस सीधे संक्रमित कर सकता है। इस वायरस के बारे में ज्यादा रिसर्च नहीं हो पाई है, लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार यह वायरस धातु पर पड़ा हो तो 12 घंटों तक ही जीवित रहता है। ऐसे में 14 घंटे के जनता कर्फ्यू के बाद ज्यादातर धातुओं से यह खुद ही नष्ट हो जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार इससे मौत का खतरा 2 से 3 प्रतिशत ही है, लेकिन संक्रमण का खतरा ज्यादा है। मतलब एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है। यदि सावधानी बरती जाए तो कोरोना को मात दी जा सकती है। बुजुर्गों, डायबिटिज, हाइपरटेंशन और कैंसर के मरीजों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। डॉक्टर के अनुसार इस वायरस का आकार 400 से 500 माइक्रोन होता है, ऐसे में कोई भी मास्क इसे रोक सकता है। इसलिए ज्यादा कीमत का मास्क लेने की जरूरत नहीं है।
वहीं वरिष्ठ डॉक्टर एके शुक्ला ने बताया कि अभी इस वायरस के बारे में ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है। यह पता चला है कि अलग-अलग धातुओं पर यह 4 से 72 घंटे तक रह सकता है। कॉपर पर यह तीन घंटे, वहीं कपड़ों पर 4 से 5 घंटों तक सकता है। धीरे-धीरे वायरस का प्रभाव कम होने लगता है और यह कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में यह लोगों को संक्रमित नहीं कर पाएगा। जनता कर्फ्यू एक अच्छा कदम है और सभी लोग इसमें साथ दें। वहीं, फैलिक्स अस्पताल के सीएमडी डॉ. डीके गुप्ता ने बताया कि जनता कर्फ्यू से वायरस की चेन ब्रेक होगी और संक्रमण का खतरा भी थोड़ा कम होगा। इसे आगे भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले 2 हफ्तों में बहुत सावधानी बरतनी होगी।
सतर्कता ही बचाएगी
- यह वायरस हवा में नहीं रहता, किसी वस्तु या जीव के जरिये ही एक से दूसरी जगह जाता है।
- इस वायरस का आकार 400 से 500 माइक्रोन होता है, कोई भी मास्क इसे रोक सकता है।
- यह वायरस धातु पर 12 घंटे तक जीवित रहता है, ऐसे में किसी भी धातु को छूने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं।
- कपड़ों पर भी यह वायरस कुछ घंटे रह सकता है, इसलिए घर पहुंचने के बाद कपड़े बदल दें।
- हाथों पर यह वायरस रहता है, इसलिए एल्कोहल स्ट्रिलाइजर लगाकर बचाव करें, जेब में रखने की आदत डालें।